भीषण पर्यावरण प्रदूषण
दिख रहा प्रत्यक्ष ।
चेतें, जागें, लें संकल्प
घर-घर लगायें वृक्ष । ।
मिटटी को बांधे रखती है
जड़ें वृक्ष की ऐसे ।
मुट्ठी में मिटटी को हम
पकड़े रहते जैसे । ।
इससे रुकता क्षरण धरा का
आती है मजबूती ।
चाहे दौडें मोटर-कारें
चाहे दौडें हाथी । ।
कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर
करते पत्ते, वायु शुद्ध ।
देते प्राणवायु ओक्सिजन
करते हैं समृद्ध । ।
००००००००
राकेश 'सोहम'
दिख रहा प्रत्यक्ष ।
चेतें, जागें, लें संकल्प
घर-घर लगायें वृक्ष । ।
मिटटी को बांधे रखती है
जड़ें वृक्ष की ऐसे ।
मुट्ठी में मिटटी को हम
पकड़े रहते जैसे । ।
इससे रुकता क्षरण धरा का
आती है मजबूती ।
चाहे दौडें मोटर-कारें
चाहे दौडें हाथी । ।
कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर
करते पत्ते, वायु शुद्ध ।
देते प्राणवायु ओक्सिजन
करते हैं समृद्ध । ।
००००००००
राकेश 'सोहम'
वृक्ष और वनस्पति की बात तो मूल बात है जी। बहुत सही लिखा आपने।
ReplyDeleteअच्छी विज्ञान कविता !
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